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बच्चों में प्रतिरोधक क्षमता विकसित करने को लगे टीके
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- Jun 04, 2020
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बौंसी प्रखंड के दलिया गांव में महिलाओं-बच्चों को लगे टीके
गर्भवती और धातृ महिलाओं को आरटीई के पैकेट भी मिले
बांका, 4 जून
बच्चों में प्रतिरोधक क्षमता विकसित करने के लिए सरकार टीकाकरण अभियान चलाती है। हर सप्ताह के बुधवार और शुक्रवार को आंगनबाड़ी केंद्रों व सामुदायिक भवन पर बच्चों व गर्भवती महिलाओं को टीके लगाये जाते हैं, लेकिन इस बार गुरुवार को भी बौसी प्रखंड के दलिया आंगनबाड़ी केंद्र पर बच्चों व गर्भवती महिलाओं को टीके दिए गए।
दलिया गांव के आंगनबाड़ी केंद्र संख्या 22 पर 4 बच्चों और 3 गर्भवती महिलाओं को गुरुवार को टीके लगाए गए। एएनएम पूनम कुमारी ने बताया कि इस दौरान बच्चों को बीसीजी, डीपीटी, पेंटा 1, पेंटा 2, पेंटा 3 के टीके लगाये गये। इसके अलावा गर्भवती महिला एवं धात्री महिलाओं में आरटीई पैकेट का वितरण किया गया। आरटीई (रेटी टू इट) पैकेट के इस्तेमाल एवं इससे होने वाले लाभ की जानकारी दी गई। स्वच्छ भारत मिशन के तहत महिलाओं बच्चों को स्वच्छता के बारे में बताया गया। वहीं गर्भवती व धातृ महिलाओं को आरटीई पैकेट का भी वितरण किया गया। एएनएम के साथ आशा बेबी कुमारी भी मौजूद थीं। टीका लगवाने आई जुली कुमारी ने कहा कि बुधवार को मैं नहीं आ सकी थी। जब एएनएम ने यह संदेश भिजवाया कि गुरुवार को भी टीके लगाए जाएंगे तो हम यहां आ गए। इस दौरान हमलोगों को बीमारी से बचाव के बारे में भी जानकारी दी गई। वहीं आशा देवी ने बताया कि मुझे बुधवार को भी आने के लिए कहा गया था, लेकिन नहीं आ सके थे। आंगनबाड़ी केंद्र के लोगों ने आकर बताया तो टीका लगवाने आ गए। टीके के साथ हमलोगों को आरटीई का पैकेट भी दिया। बौंसी पीएचसी प्रभारी डॉ. संजीव कुमार ने कहा कि वैसे तो हर बुधवार और शुक्रवार को ही टीके लगाए जाते हैं, लेकिन किसी के छूट जाने पर दूसरे दिन भी शिविर लगा दिया जाता है। हमलोगों का प्रयास रहता है कि कोई भी छूटे नहीं। इसे लेकर हमलोग तत्पर रहते हैं।
इसलिए जरूरी है टीकाकरण
टीकाकरण का तत्काल लाभ है व्यक्ति की प्रतिरक्षा। यह किसी रोग के खिलाफ दीर्घकालिक, कभी-कभी जीवन भर सुरक्षा प्रदान करता है। शुरुआती बाल्यावस्था प्रतिरक्षा अनुसूची में अनुशंसित टीके बच्चों को खसरा, चेचक, न्यूमोकोकल रोग और अन्य बीमारियों से सुरक्षा प्रदान करते हैं। बच्चे ज्यों-ज्यों बड़े होते जाते हैं, अतिरिक्त टीके उन्हें उन रोगों से सुरक्षा प्रदान करते हैं जो किशोरों और वयस्कों को प्रभावित करते हैं। साथ ही उन रोगों से भी सुरक्षा प्रदान करते हैं जो दूसरे क्षेत्रों में यात्रा करने के दौरान उत्पन्न हो सकते हैं।
टीकाकरण के हैं ये फायदे
-रोगप्रतिरक्षण विकसित होता है और उनकी रोग से लड़ने की क्षमता बढ़ती है।
-वैक्सीनेशन से बच्चों में कई संक्रामक बीमारियों की वक्त रहते रोकथाम हो जाती है
-कुछ टीके गर्भवती महिलाओं को भी लगाए जाते हैं, जिससे उन्हें व होने वाले शिशु को टिटनस व अन्य गंभीर बीमारियों से बचाया जा सके।
-बच्चों को जुकाम होने पर डॉक्टर उन्हें टीका लगाने से मना करते हैं, लेकिन यदि जुकाम व बुखार दो दिन में न जाए तो आप डॉक्टर की सलाह लें।
रिपोर्टर
The Reporter specializes in covering a news beat, produces daily news for Aaple Rajya News
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