घर-घर पोषण और स्वच्छता की अलख जगा रही हैं सेविका पूनम कुमारी

• ‘पोषण अभियान’ में उत्कृष्ट कार्य के लिए हो चुकी हैं सम्मानित
• पोषण गतिविधियों पर देती हैं विशेष ध्यान
लखीसराय, 31 अगस्त:
कोरोना संक्रमण काल में पोषण कार्यक्रमों के कुशल संचालन में चुनौतियाँ बढ़ने के बाद आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की भूमिका में बदलाव देखने को मिले हैं. जिले के पिपरिया प्रखंड, पंचायत वलीपुर, आंगनबाड़ी केंद्र संख्या 18 के वार्ड नंबर 10 की आंगनबाड़ी सेविका पूनम कुमारी ने भी कोरोना के मद्देनजर अपनी भूमिका में बदलाव लाकर पोषण सेवाओं को सुचारू रखने में सफ़ल हुयी हैं. पोषण अभियान में उनके उत्कृष्ट कार्य को देखते हुए उन्हें सम्मानित भी किया गया है. इस वर्ष कोरोना संक्रमण के कारण आंगनबाड़ी केन्द्र के बंद होने के बाद भी वह अपने पोषक क्षेत्र में पोषण गतिविधियों को सुचारू रखी हैं. गृह भ्रमण के जरिए संपूरक आहार, स्तनपान एवं अन्य महत्वपूर्ण गपोषण गतिविधियों पर समुदाय को जागरूक करने में उनकी भूमिका सराहनीय रही है. यही वजह है कि पूनम के पोषक क्षेत्र में उनकी पोषण दीदी के रूप में पहचान भी बनी है.
घर-घर में पहुंच रही पूनम कुमारी की आवाज:
सेविका पूनम कुमारी ने बताया स्वच्छता एवं साफ-सफाई को पोषण अभियान में प्रमूख रूप से शामिल किया गया है। किसी भी बीमारी से लड़ने में ये सबसे बड़े हथियार साबित होते है। वह गर्भवती एवं महिलाओं को समझाती हैं कि खाने से पहले और शौच के बाद विधिवत रूप से हाथ धोते रहें। उन्होंने बताया पोषण पर सामुदायिक जागरूकता बढ़ाने के क्रम में वह साफ़-सफाई पर विशेष जोर देती है. साफ़-सफाई पोषण व्यवहार का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है जो कुपोषण से सुपोषण की तरफ बढ़ने में सहयोग करता है. वह गृह भ्रमण के दौरान साफ़-सफाई की महता को लेकर महिलाओं के साथ पुरुषों से भी संवाद करती है. पूनम बताती है कोरोना संक्रमण के कारण लोग स्वच्छता को लेकर पहले से अधिक सतर्क भी हुए हैं एवं उनका भी निरंतर प्रयास जारी है कि लोगों में इसको लेकर गंभीरता बने रहे.
खानपान में पौष्टिक आहार शामिल करने पर दे रही हैं जोर:
पूनम कुमारी बताती हैं कि ग्रामीण क्षेत्र में पौष्टिक आहार की उपलब्धता तो है, लेकिन जानकारी के अभाव में महिलाएं इससे वंचित रह जा रही थी। इसलिए उन्होंने इस पर अधिक ध्यान दिया. इसको लेकर वह घर-घर जाकर महिलाओं को पोषण से संबंधित सही जानकारी दी एवं उन्हें खाने में हरी पत्तेदार सब्जियों में जैसे सहजन का पत्ता, धनिया का पत्ता, पालक की साग का सेवन और पीले नारंगी और फलों को शामिल करने पर जोर दिया. साथ ही गर्भवती महिलाओं, धात्री माताओं एवं किशोरियों को आयरन की गोलियां भी लेने की सलाह देती हैं. उन्होंने बताया महिलाओं, उनकी सास व घर के मुखिया को समझाती हैं कि गर्भवती महिलाओं एवं धात्री महिलाओं को स्वयं व बच्चे के स्वस्थ रहने के लिए पौष्टिक आहार की जरूरत होती है। पोषण की कमी से महिलाओं में खून की कमी हो जाती है, जिससे जन्म लेने बच्चों के कुपोषण के शिकार होने की संभावना बढ़ जाती है.
गोदभराई और अन्नप्राशन को नियमित रखने का प्रयास:
पूनम कुमारी ने बताया गोदभराई और अन्नप्राशन महत्वपूर्ण पोषण गतिविधियों में शामिल है. लॉकडाउन के दौरान आंगनबाड़ी केंद्र बंद होने के बाद भी उन्होंने गोदभराई और अन्नप्राशन को लाभुकों के घरों पर ही आयोजन कराया. साथ ही उन्होंने इन गतिविधियों के घर पर आयोजन होने के दौरान कोरोना रोकथाम के नियमों का शत-प्रतिशत अनुपालन भी सुनिश्चित करायी.
मिल चुका है पुरस्कार :
पूनम कुमारी के बेहतर कार्य को देखते हुए विगत माह में जिला कार्यक्रम पदाधिकारी द्वारा उन्हें ‘पोषण अभियान’ में उत्कृष्ट कार्य के लिए जिला स्तरीय समूह पोषण पुरस्कार से सम्मानीत किया गया है. पूनम कुमारी कहती है, ‘‘ मेरा पूरा ध्यान अपने पोषक क्षेत्र को सुपोषित करने की है. पोषण अभियान का लक्ष्य भी बच्चों, गर्भवती महिलाओं धात्री माताओं एवं किशोरियों में पोषण स्तर को बढ़ाना है. इसके लिए मैं निरंतर प्रयास कर रही हूँ एवं मेरी इस प्रयास में लोगों का भी सहयोग मिल रहा है. मैं आश्वस्त भी हूँ कि हम कुपोषण के दंश से मुक्त हो सकेंगे’

About the au

रिपोर्टर

  • Film Fair (Admin)
    Film Fair (Admin)

    The Reporter specializes in covering a news beat, produces daily news for Aaple Rajya News

    Film Fair (Admin)

संबंधित पोस्ट