कोरोना से डरिए, जांच से नहीं


जांच बढ़ने से टूटेगी कोरोना की चेन


स्वच्छता और सतर्कता का रखें ध्यान


 भागलपुर, 9 सितंबर


कोरोना के संक्रमण की चेन तोड़ने के लिए स्वास्थ्य विभाग युद्धस्तर पर जुटा हुआ है. शहर से लेकर गांव तक जांच के लिए शिविर लगाए जा रहे हैं. जांच में संक्रमित पाए जाने पर होम आइसोलेशन या फिर कोविड केयर सेंटर में भर्ती किया जा रहा है. इतनी व्यवस्था के बावजूद कुछ लोग जांच के लिए आने से कतरा रहे हैं. कुछ लोग तो बुखार होने पर भी जांच कराने नहीं जा रहे हैं. यह अच्छी बात नहीं है. इस तरह की लापरवाही आपके साथ साथ आपके घरवाले का भी नुकसान हो सकता है. इसलिए जरा सा भी कोरोना के लक्षण दिखाई पड़े तो तत्काल नजदीकी शिविर या फिर सरकारी अस्पताल में जाकर जांच करा लें.


डीपीएम डॉक्टर फैजान अशरफी ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग जांच को लेकर लगातार अभियान चला रहा है. गांव गांव में शिविर लग रहे हैं. प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, रेफरल अस्पताल, अनुमंडल अस्पताल से लेकर सदर अस्पताल में जांच की व्यवस्था है. मोबाइल वैन के जरिए भी घूम घूम कर जांच की जा रही है. इसलिए जरा सी भी लापरवाही नहीं बरतें. अगर उन्हें लगता है कि उनमें कोरोना के लक्षण हैं तो तत्काल जांच करा लें.


घर पर सुविधा रहने पर ही भेजा जा रहा है होम आइसोलेशन में: जांच में संक्रमित पाए जाने पर उसी व्यक्ति को होम आइसोलेशन में भेजा जा रहा है जिनके घर में इसकी सुविधा है. उस व्यक्ति के घर में अलग से शौचालय और कमरे की व्यवस्था होने पर ही लोगों को हम आइसोलेशन में भेजा जा रहा है. साथ में मरीज को एक किट भी दिया जा रहा है जिसमें दवा के साथ मास्क और अन्य जरूरी सामान रहते हैं.


अन्य मरीजों को कोविड केयर सेंटर  में किया जा रहा भर्ती: जांच में जिन मरीजों को घर पर सुविधा नहीं है उसे कोविड केयर सेंटर में भर्ती किया जाता है. जहां पर उसका पूरा ध्यान रखा जाता है. समय पर दवा और भोजन दिया जाता है. जांच में पॉजिटिव पाए जाने पर उसे घर भेजा जाता है.


40 बेड का आईसीयू भी तैयार: जांच के दौरान कोरोना के गंभीर मरीज पाए जाने पर उसे घंटाघर स्थित 40 बेड के आईसीयू में भर्ती किया जाता है. वहां पर हर बेड के साथ ऑक्सीजन कनेक्ट है. स्वास्थ्य विभाग किसी भी परिस्थिति से निपटने के लिए तैयार है. इसलिए लोगों को घबराने की जरूरत नहीं है.


कोरोना जांच के लिए गांवों में माइकिंग: कोरोना जांच के लिए लोगों से आगे आने की अपील की जा रही है. स्वास्थ्य विभाग की टीम के सदस्य गांव- गांव घूमकर माइकिंग कर लोगों से जांच के लिए आने को कह रही है. टीम के सदस्य लोगों को बता रहे हैं कि जांच कराने के क्या फायदे हैं. जांच कराने से किसी भी तरह का कोई नुकसान नहीं है.


सरकार की गाइडलाइन का हो रहा पालन: स्वास्थ्य विभाग की टीम गांव में कोरोना जांच के दौरान सरकारी गाइडलाइन का पूरी तरह से पालन कर रही है. जांच करने वाले स्वास्थ्यकर्मी कोरोना किट पहनकर जांच कर रहे हैं, साथ ही जांच के दौरान सामाजिक दूरी का भी पालन कर रहे हैं. स्वास्थ्यकर्मी के अलावा जो लोग वहां पर मौजूद रहते हैं, सभी लोग ग्लव्स और मास्क पहने रहते हैं. इससे दूसरों में कोरोना का संक्रमण नहीं होगा. इसलिए बेहिचक जांच के लिए आगे आएं वहां किसी तरह का कोई खतरा नहीं है.



इन बातों का रखें ख्याल

1. खांसी या छींक आने के दौरान अपने मुंह को टिशू पेपर से कवर करें और उसे तुरंत किसी बंद डस्टबिन में फेंक दें.

2. अगर आपको बुखार, खांसी और सांस लेने में समस्या है तो तुरंत चिकित्सक से संपर्क करें. चिकित्सक से सलाह लेते वक्त मुंह को मास्क या कपड़े से अच्छे से ढकें.

3. अगर आप कोरोना वायरस के शिकार हैं तो अपना ध्यान रखने के साथ-साथ किसी भी व्यक्ति के नजदीक न जाएं। इससे बढ़ते खतरे को रोकने में आसानी होगी.

4. अपने हाथों से आंख, मुंह या नाक को बार-बार न छूएं यदि ऐसा करते भी हैं तो साबुन या सेनिटाइजर से हाथों को अच्छी तरह साफ करें.

5. सार्वजनिक स्थलों पर भी स्वच्छता का विशेष ध्यान रखें। राह चलते यूं ही सकड़ों पर न थूकें.


रिपोर्टर

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