Breaking News |
- World Wide
- International
- National
- State
- Union Territory
- Capital
- Social
- Political
- Legal
- Finance
- Education
- Medical
- Science & Tech.
- Information & Tech.
- Agriculture
- Industry
- Corporate
- Business
- Career
- Govt. Policy & Programme
- Health
- Sports
- Festival & Astrology
- Crime
- Men
- Women
- Outfit
- Jewellery
- Cosmetics
- Make-Up
- Romance
- Arts & Culture
- Glamour
- Film
- Fashion
- Review
- Satire
- Award
- Recipe
- Food Court
- Wild Life
- Advice
जिले को कालाजार मुक्त बनाने के लिए सिंथेटिक पायराथायराइड का हो रहा है छिड़काव
- by
- Sep 22, 2020
- 5477 views
- जिले के 12 प्रखंडों के 79 गांवों को स्वास्थ्य विभाग ने किया है चिन्हित
- छिड़काव के दौरान कालाजार के लक्षण वाले लोगों की भी हो रही पहचान
भागलपुर-
जिले को कालाजार मुक्त बनाने के लिए स्वास्थ्यकर्मी 12 प्रखंडों के 79 गांवों में सिंथेटिक पायथायराइड का छिड़काव करवा रहे हैं. स्वास्थ्यकर्मी गांव के घर-घर जाकर लोगों से स्वास्थ्य के बारे में जानकारी ले रहे हैं. साथ ही घर के अंदर की दीवारों पर सिंथेटिक पायथायराइड की छिड़काव करवा रहे हैं. छिड़काव की निगरानी मलेरिया विभाग से की जा रही है. इस काम में केयर इंडिया भी सहयोग कर रही हैं. वहीं आशा कार्यकर्ता भी स्वास्थ्यकर्मी के साथ अपना योगदान दे रही हैं.
60 दिनों तक होगा छिड़काव: केयर इंडिया के डिस्ट्रिक्ट टीम लीड मानस मयंक ने कहा 15 सितंबर से छिड़काव का काम चल रहा है जो कि 60 दिनों तक चलेगा. इस दौरान छिड़काव के लक्षण वाले लोगों की भी पहचान की जा रही है. अगर इस दौरान कालाजार के लक्षण वाले कोई भी व्यक्ति मिलते हैं तो उनकी जांच कराई जाएगी. जांच में अगर कालाजार की पुष्टि होती है तो उनका इलाज कराया जाएगा.
स्वास्थ्यकर्मियों को दिया गया है प्रशिक्षण: जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ. कुंदन भाई पटेल ने बताया कालाजार से मुक्ति के लिए सिंथेटिक पायराथायराइड के छिड़काव को लेकर स्वास्थ्यकर्मियों को प्रशिक्षण दिया गया है. प्रशिक्षण में स्वास्थ्यकर्मियों को छिड़काव के तरीके बताए गए हैं. उन्हें बताया गया कि जिले के कौन-कौन से गांवों में कालाजार के लक्षण वाले मरीज चिन्हित हुए हैं.
25 अगस्त से 2 सितंबर तक हुआ था सर्वे: जिले के 12 प्रखंडों में कालाजार रोगियों की पहचान के लिए सर्वे का काम 2 सितंबर को पूरा हो गया था. 1 सप्ताह तक चले सर्वे में सिर्फ पीरपैंती प्रखंड में चार उपचाराधीन मरीज की पहचान हुई थी. जांच के दौरान सन्हौला प्रखंड में भी कुछ लक्षण वाले व्यक्ति पाए गए थे, लेकिन जांच में कालाजार की पुष्टि नहीं हुई. 25 अगस्त से आशा कार्यकर्ता घर-घर जाकर कालाजार मरीजों की पहचान के लिए सर्वे का कार्य कर रही थी. सर्वे के दौरान चयनित गांव में ही स्वास्थ्यकर्मी घर घर जाकर छिड़काव करवा रहे हैं.
कालाजार की रोकथाम को लेकर विभाग अलर्ट: डॉ. पटेल ने बताया कि कालाजार की रोकथाम व इसके सौ फीसदी उन्मूलन के लिए स्वास्थ्य विभाग अलर्ट है. प्रभावित प्रखंडों के चिन्हित गांवों में छिड़काव का काम चल रहा है. उन्होंने बताया जिले के 13 प्रखंडों में स्वास्थ्य विभाग की टीम ने सर्वे का काम किया था. जिले के 4 प्रखंड कालाजार से मुक्त है, इसलिए वहां छिड़काव का काम नहीं होगा.
घर के पास जलजमाव नहीं होने दें:
डॉ. पटेल ने बताया अब दवा का छिड़काव किया जाएगा. उन्होंने लोगों से अपील की है कि बीमारी से बचाव के लिए घर के आसपास जलजमाव नहीं होने दें. यदि जलजमाव की स्थिति है तो उसमें किरासन तेल डालें. सोते समय मच्छरदानी लगाएं, साथ ही बच्चों को पूरा कपड़ा पहनायें व शरीर पर मच्छर रोधी क्रीम लगाएं. कालाजार के खतरे को देखते हुए अपने घरों की भीतरी दीवारों और बथानों में कीटनाशक का छिड़काव करने व आसपास के हिस्से को सूखा व स्वच्छ रखने की अपील की गई.
कालाजार की ऐसे करें पहचान: डॉ. पटेल ने बताया कालाजार एक वेक्टर जनित रोग है. कालाजार के इलाज में लापरवाही से मरीज की जान भी जा सकती है. यह बीमारी लिश्मैनिया डोनोवानी परजीवी के कारण होता है. कालाजार एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति तक फैलने वाली बीमारी है. यदि व्यक्ति को दो सप्ताह से बुखार और तिल्ली और जिगर बढ़ गया हो तो यह कालाजार के लक्षण हो सकते हैं. साथ ही मरीज .को भूख न लगने, कमजोरी और वजन में कमी की शिकायत होती है. यदि इलाज में देरी होता है तो हाथ, पैर व पेट की त्वचा काली हो जाती है. बाल व त्वचा के परत भी सूख कर झड़ते है. उन्होंने बताया कालाजार के संभावित लक्षण दिखने पर क्षेत्र की आशा से तुरंत संपर्क करना चाहिए तथा रोगी को किसी नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र ले जाना चाहिए.
रिपोर्टर
The Reporter specializes in covering a news beat, produces daily news for Aaple Rajya News
Film Fair (Admin)