- World Wide
- International
- National
- State
- Union Territory
- Capital
- Social
- Political
- Legal
- Finance
- Education
- Medical
- Science & Tech.
- Information & Tech.
- Agriculture
- Industry
- Corporate
- Business
- Career
- Govt. Policy & Programme
- Health
- Sports
- Festival & Astrology
- Crime
- Men
- Women
- Outfit
- Jewellery
- Cosmetics
- Make-Up
- Romance
- Arts & Culture
- Glamour
- Film
- Fashion
- Review
- Satire
- Award
- Recipe
- Food Court
- Wild Life
- Advice
कुपोषण के शिकार बच्चों के लिए संजीवनी है पोषण पुनर्वास केंद्र
- by
- Mar 10, 2021
- 3539 views
- जिले की सभी महिला सुपरवाइजर ( एलएस) को महीने में कम से कम एक कुपोषित बच्चे को एनआरसी में भर्ती कराने का जिलाधिकारी ने दिया है निर्देश
- एनएफएचएस- 5 के आंकड़ों के अनुसार जिले में नाटापन के आंकड़ों में आई है कमी
लखीसराय, 10 मार्च | जिले भर के बच्चों को कुपोषण से मुक्ति दिलाने के लिए राज्य सरकार काफी गंभीर है। राज्य सरकार ने बच्चों में कुपोषण की इस स्थिति से निबटने के लिए प्रत्येक जिला मुख्यालय में पोषण पुनर्वास केंद्र की स्थापना की है। लखीसराय जिले में समेकित बाल विकास सेवाएं ( आईसीडीएस ) की जिला कार्यक्रम पदाधिकारी कुमारी अनुपमा ने बताया कि राज्य सरकार के निर्देशानुसार लखीसराय जिला मुख्यालय स्थित सदर अस्पताल परिसर में भी बच्चों में पोषण की कमी से निपटने के लिए पोषण पुनर्वास केंद्र की स्थापना की गई है। कुपोषण की समस्या से जूझ रहे बच्चों को 14 दिनों के लिए पोषण पुनर्वास केंद्र में रखा जाता है।
महीने में कम से कम एक कुपोषित बच्चे को एनआरसी केंद्र में भर्ती कराने का जिलाधिकारी ने दिया निर्देश : आईसीडीएस लखीसराय की जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (डीपीओ) कुमारी अनुपमा ने बताया कि जिलाधिकारी संजय कुमार के आदेशानुसार जिले के विभिन्न प्रखण्डों में कार्यरत महिला सुपरवाइजर (एलएस )को महीने में कम से कम एक कुपोषित बच्चे को जिला मुख्यालय स्थित पोषण पुनर्वास केंद्र (एनआरसी) में भर्ती कराने का निर्देश दिया गया है।
एनएफएचएस 5 के आंकड़ों के अनुसार जिले में बच्चों में नाटापन के प्रतिशत में हुआ है सुधार :
उन्होंने बताया कि एनएफएचएस 5 (2019-20) के आंकड़ों के अनुसार जिले में बच्चों के नाटापन के प्रतिशत में काफी सुधार हुआ है। बताया कि एनएफएचएस 4 (2015- 16) के आंकड़ों के अनुसार जिले में 50.6 प्रतिशत बच्चे नाटापन के शिकार थे जो अब एनएफएचएस 5 (2019-20) के आंकड़ों के अनुसार घटकर मात्र 42.7 प्रतिशत रह गए हैं ।
पोषण एवं पुनर्वास केंद्र में बच्चों का रखा जाता है विशेष ख्याल :
आईसीडीएस की डीपीओ कुमारी अनुपमा ने बताया कि पोषण और पुनर्वास केंद्र लखीसराय में कुपोषित बच्चों को डॉक्टर की सलाह के अनुसार हीं उनके खानपान का विशेष ख्याल रखा जाता है। यहां रखे गए बच्चे यदि 14 दिनों के अंदर कुपोषण से मुक्त नहीं हो पाते हैं तो वैसे बच्चों को एक माह तक विशेष रूप से देखभाल की जाती है।
पुनर्वास केंद्र में भर्ती हुए बच्चे, वजन में न्यूनतम 15 प्रतिशत की वृद्धि के बाद ही किए जाते हैं डिस्चार्ज :
उन्होंने बताया कि पोषण पुनर्वास केंद्र में मिलने वाली सभी सुविधाएं नि:शुल्क होती हैं । यहां भर्ती हुए बच्चों के वजन में न्यूनतम 15 प्रतिशत की वृद्धि के बाद ही उसे यहां से डिस्चार्ज किया जाता है।
पोषण पुनर्वास केंद्र में भर्ती होने के लिए तय किए गए हैं ये मानक :
कुपोषण के शिकार बच्चे को एनआरसी में भर्ती करने के लिए कुछ मानक निर्धारित किए गए हैं। इसके तहत बच्चों की विशेष जांच जैसे उनका वजन व बांह आदि का माप किया जाता है। इसके साथ हीं छह माह से अधिक एवं 59 माह तक के ऐसे बच्चे जिनकी बायीं भुजा 11.5 सेमी हो और उम्र के हिसाब से लंबाई व वजन न बढ़ता हो वो कुपोषित माने जाते हैं है। वैसे बच्चों को ही पोषण पुनर्वास केंद्र में भर्ती किया जाता है। इसके साथ ही दोनों पैरों में पिटिंग एडीमा हो तो ऐसे बच्चों को भी यहां पर भर्ती किया जाता है।
रिपोर्टर
The Reporter specializes in covering a news beat, produces daily news for Aaple Rajya News
Dr. Rajesh Kumar