निजी अस्पताल पहुंचाने की बात साबित होने पर होगी कड़ी कार्रवाई


मायागंज अस्पताल से मरीज को निजी अस्पताल ले जाने का मामला

अस्पताल प्रशासन गंभीर, मामले की सच्चाई का पता लगाने में जुटा


भागलपुर, 19 जुलाई-


 मायागंज अस्पताल से मरीज को निजी अस्पताल ले जाने के मामले को अस्पताल प्रशासन ने गंभीरता से लिया है। अस्पताल अधीक्षक डॉ. असीम कुमार दास ने कहा कि मामले की सच्चाई का पता लगाया जाएगा। हड्डी रोग विभाग के अध्यक्ष से मामले की जानकारी ली जाएगी। साथ ही आरोपी व्यक्ति से भी मामले को लेकर पूछताछ की जाएगी। जांच में अगर यह बात साबित हो जाती है तो आरोपी व्यक्ति पर कार्रवाई की जाएगी। अस्पताल प्रशासन इस तरह के मामले को बर्दाश्त नहीं करेगा। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि अगर किसी मरीज या परिजनों के सामने इस तरह की समस्या आती है तो वह इसकी शिकायत मेरे पास कर सकते हैं। तत्काल कार्रवाई (एक्शन) लिया जाएगा। ऐसा करने वालों पर शिकंजा तो कसा ही जाएगा, साथ ही मरीज के लिए भी उसी समय बेहतर इलाज की व्यवस्था की जाएगी।

मालूम हो कि सबौर के मिर्जापुर के 40 साल के सुभाष कुमार 31 मई को दुर्घटना का शिकार होने के बाद मायागंज अस्पताल में भर्ती हुए थे। बाद में मरीज का इलाज एक निजी अस्पताल में हुआ। जहां पर उसका पैर काट दिया गया। घर जाने पर समस्या और बढ़ गई। दोबारा जब वह निजी अस्पताल गया तो वहां बिना पैसे के इलाज करने से मना कर दिया गया। इसके बाद वह फिर से मायागंज अस्पताल में इलाज करवा रहा है। इसी दौरान उसने यह आरोप लगाया कि पहले जब वह 31 मई को भर्ती हुआ था तो उस समय तीन दलालों ने मिलकर जीरोमाइल स्थित निजी अस्पताल में भर्ती करवा दिया । जहां पर इलाज के नाम पर उससे 1.85 लाख  रुपये लिया गया। एक आरोपी दलाल का नाम उसने श्रवण कुमार बताया है। हालांकि आरोपी श्रवण कुमार ने इस तरह की किसी भी बात से इंकार किया है। श्रवण कुमार ने कहा कि मैंने किसी को भी इलाज के लिए मायागंज अस्पताल से निजी अस्पताल नहीं पहुंचाया।

अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस है मायागंज अस्पतालः 

मालूम हो कि मायागंज अस्पताल पूर्वी बिहार का सबसे बड़ा अस्पताल माना जाता है। यहां पर अत्याधुनिक तरीकों से मरीजों का इलाज किया जाता है। गंभीर से गंभीर मरीजों के इलाज के लिए यहां पर लेटेस्ट तकनीक मौजूद है। इस अस्पताल में जितनी आधुनिक सुविधाएं उलपब्ध हैं, उससे अधिक सुविधाएं कई बड़े निजी अस्पतालों में भी नहीं है। यही कारण है कि बड़ी संख्या में लोग यहां पर इलाज कराने के लिए आते हैं।

15 जिलों के मरीज आते हैं यहां परः

 मायागंज अस्पताल में इलाज कराने के लिए आसपास के जिलों समेत कोसी-सीमांचल के 15 जिलों से मरीज यहां आते हैं। इसके अलावा झारखंड के गोड्डा, पाकुड़ और साहेबगंज से भी मरीज आते हैं। कई बार झारखंड के दुमका और देवघर से भी मरीज यहां पर आते दिखाई दिए हैं। कोरोना की दूसरी लहर समाप्त हो जाने के बाद एक बार फिर से अस्पताल में इलाज कराने के लिए आने वाले मरीजों की संख्या बढ़ने लगी है। उन्हें पटना या सिलीगुड़ी जाने से राहत मिली है।

रिपोर्टर

  • Dr. Rajesh Kumar
    Dr. Rajesh Kumar

    The Reporter specializes in covering a news beat, produces daily news for Aaple Rajya News

    Dr. Rajesh Kumar

संबंधित पोस्ट