मजबूत नेतृत्व एवं प्रभावी कार्य योजना से कोविड पर मिली जीत : डॉ. मनसुख 

 
 
• कोविड प्रबंधन पर देश की सार्वजानिक स्वास्थ्य रणनीति को लेकर वेबिनार आयोजित
• देशभर में 180 करोड़ से अधिक  डोज दिए गए 
• केवल 42  दिनों में तीसरी लहर से देश को मिली निज़ात 
• विश्व की तुलना में भारत में  कोविड  के कारण दोगुना से अधिक मृत्यु हुयी कम 
 
 
भागलपुर/17, मार्च  : मजबूत नेतृत्व एवं  प्रभावी कार्ययोजना  के कारण देश कोरोना जैसी गंभीर वैश्विक चुनौती को मात देने में  सफल  हुआ है। प्रधानमंत्री के नेतृत्व में देश ने अपनी क्षमता को पहचान कर इसका इस्तेमाल प्रभावी रूप से किया। जिसमें ससमय देश के अंदर कोविड टीके का निर्माण शुरू करना एवं 180  करोड़ से अधिक कोविड टीके का डोज लगाना उल्लेखनीय है।  देश में कोविड  की तीसरी लहर का अन्य देशों की तुलना में भारत में न्यूनतम प्रभाव दिखा। एक दिन में 2. 5 करोड़ से अधिक डोज देश में टीका आपूर्ति, उपलब्धता  एवं टीकाकरण  सत्रों का उचित प्रबंधन को प्रदर्शित करता है । उक्त बातें स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार के मंत्री डॉ. मनसुख मंडाविया ने गुरूवार को कोविड प्रबंधन पर भारत के सार्वजनिक स्वास्थ्य की रणनीति पर आयोजित वेबिनार के दौरान कही।  
 
डॉ. मंडाविया ने कहा कि दुनियाभर के कई देश भारत की प्रभावी कोविड प्रबंधन रणनीति से सीख  ले रहे हैं। देश में बड़े स्तर पर टीकाकरण, सेल्फ एवं होम आइसोलेशन एवं  कंटेंटमेन्ट जोन के  निर्माण पर ध्यान दिया गया।  साथ ही  कोविड रोकथाम एवं उपचार के दिशानिर्देश भी जारी किए गए। जिससे अन्य देशों की तुलना में देश में कोविड प्रबंधन में सहूलियत मिली।  इस मुकाम तक पहुँचने में एनजीओ एवं स्थानीय इकाईयों ने भरपूर सहयोग किया।  उन्होंने कहा कि कोविड से लड़ने में जिस तरह से  पूरे  देश ने सहयोग किया है, उसी तरह से अन्य स्वास्थ्य के मुद्दों पर भी देश को एकजुट होने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि  देश में 1.5 लाख हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर ई-संजीवनी यानी टेलीमेडिसिन की सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है। इसके लिए जरुरी है कि एजीओ इसमें सक्रिय भूमिका अदा  करें।  समुदाय में लोगों को हेल्थ एन्ड वेलनेस सेंटर की जानकारी दें एवं उन्हें केंद्र पर उपलब्ध कई गंभीर रोगों की जाँच  एवं उपचार के विषय में प्रेरित भी करे।      
 
वैज्ञानिक दृष्टिकोण बना सबसे बड़ा हथियार: 
 
नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत ने बताया कि वैज्ञानिक दृष्टिकोण की वजह से देश कोरोना जैसी महामारी के ख़िलाफ़ मजबूती से लड़ाई करने में सक्षम हो सका। वहीं नवाचार, प्रभावी सर्विलांस एवं टीकाकरण की भूमिका महत्वपूर्ण साबित हुयी।  उन्होंने कहा कि सिविल सोसाइटी एवं एनजीओ  के साथ कई बैठकें  की गयी जो टीकाकरण कवरेज बढ़ाने के साथ कोविड को लेकर फ़ैल रही भ्रांतियों को दूर करने में असरदार साबित हुआ. साथ ही वैज्ञानिक दृष्टिकोण को अपनाते हुए विभिन्न आयुवर्ग का टीकाकरण किया गया। इससे कोरोना संक्रमण की प्रसार को नियंत्रित करने में आसानी हुयी।  
 
42  दिनों में ओमीक्रॉन से मिली निजात: 
 
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के जॉइंट सेक्रेटरी लाल अग्रवाल ने पीपीटी के जरिए कोविड प्रबंधन पर देश की रणनीति एवं इसमें मिली सफलता को विस्तार से प्रस्तुत किया। उन्होंने बताया कि  तीसरी लहर यानी  ओमीक्रॉन को डेल्टा वेरियंट से 10 गुना तेजी से फ़ैलने  वाला बताया गया था।  देश एवं विदेश की कई मानक संस्थाओं ने इस बात की आशंका जाहिर की थी कि  देश में जनवरी से फरवरी माह में प्रतिदिन 5  लाख से 16  लाख कोविड के मामले आ सकते हैं।  लेकिन देश में तीसरी लहर के पीक  में भी सबसे अधिक 3 .11 लाख कोविड केसेस आए जो अब घटकर औसतन 3500  रह गए हैं।  तीसरी लहर में विश्व स्तर पर केवल 47.8% मौतों में कमी देखी गयी. वहीं भारत में 95% की कमी दर्ज हुयी। दुनिया के कई विकसित देश कोरोना से अधिक प्रभावित हुए. फ्रांस में  कुल आबादी का 36.10%, ब्रिटेन में 28.94%, अमेरिका में 24. 31% एवं स्पेन में 24% लोग कोविड से ग्रसित हुए. जबकि भारत में सिर्फ 3.15% आबादी ही कोविड से ग्रसित हुयी। साथ ही प्रति 10 लाख आबादी पर विश्व में 779 लोगों की मौत कोविड से हुयी।  भारत में केवल 368 मौतें ही हुयी। इस तरह  भारत में विश्व की तुलना में दोगुना से अधिक कम मृत्यु हुयी। उन्होंने कहा कि  देश में कुल 180 करोड़ से अधिक कोविड डोज दिए जा चुके हैं।  जिसमें  18  से ऊपर आयुवर्ग में 91.17 करोड़ को प्रथम डोज,78. 33 करोड़ को दूसरा डोज एवं 2. 15 करोड़ को प्रीकॉशनरी डोज दिया गया है.वहीं 15 से 18 आयुवर्ग में 5. 61 करोड़ को पहला डोज एवं 3.51 करोड़ को दूसरा डोज दिया गया है।
 
बिल एन्ड मिलिंडा गेट्स फाउंडेशन के सीईओ क्रिस इलियास ने कहा कि  गेट्स फाउंडेशन कोरोना रोकथाम एवं प्रबंधन की दिशा में भारत सरकार  को सहयोग कर रही है। जिसमें वैक्सीन निर्माण में तकनीकी सहयोग , कोल्ड चेन प्रबंधन, वैक्सीन आपूर्ति प्रोसेस ट्रैकिंग एवं स्वास्थ्यकर्मियों का प्रशिक्षण शामिल है। 
 
सेंटर फॉर एडवोकेसी एन्ड रिसर्च की निदेशिका अखिला शिवदास ने कहा कि शहरी क्षेत्रों में कोविड नियंत्रण एवं इसकी रोकथाम को लेकर संशय को दूर किया गया है। इसे समुदाय के नेतृत्व में हेल्प डेस्क की सहायता से किया गया। इस मॉडल की शुरुआत बैंगलोर शहर में जमीनी स्तर पर कार्य वाले सीएसओ के साथ किया गया। बाद में इसे पूना, भुवनेश्वर, अजमेर, दिल्ली एवं कोलकाता शहर में विस्तारित किया गया। इस दौरान लगभग 87000 आबादी के 29000 घरों का सर्वे किया गया।  वहीं 3500 से अधिक समुदाय के साथ छोटी-छोटी बैठकें की गई। साथ ही 33000 से अधिक लोगों को कोविड टेस्ट कराने के लिए प्रेरित भी किया गया। हेल्प डेस्क 1.5 लाख से अधिक लोगों को कोविड टीकाकरण पर जागरूक भी किया। 
 
वहीं, स्मार्ट की तरफ से अर्चना ने सामुदयिक रेडियो की भूमिका पर जानकारी दी। साथ ही  टाटा समूह की तरफ से श्यामल ने भी अपने योगदान का जिक्र किया। 
 
इस दौरान देशभर से 5000 से अधिक लोग वेबिनार से जुड़े रहे।

रिपोर्टर

  • Dr. Rajesh Kumar
    Dr. Rajesh Kumar

    The Reporter specializes in covering a news beat, produces daily news for Aaple Rajya News

    Dr. Rajesh Kumar

संबंधित पोस्ट